पुलवामा आतंकी हमले और भारत-पाक युद्ध जैसे घटनाक्रमों के बाद, भारतीय सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियाँ पहले से कहीं ज़्यादा सतर्क हो गई हैं। अब वे पाकिस्तान के अंदर और बाहर, हर संभावित खतरे की कड़ी निगरानी कर रही हैं। ऐसे किसी हादसे की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए संदिग्ध तत्वों की पहचान और गिरफ्तारी लगातार की जा रही है। इस दिशा में यह कार्रवाई एक बड़ा कदम है।
सहज़ाद: रामपुर से ISI का जासूस निकला
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (ATS) ने रामपुर निवासी सहज़ाद को मुरादाबाद से गिरफ़्तार किया है।
सहज़ाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था और भारत की संवेदनशील जानकारियाँ साझा कर रहा था।
पाकिस्तान से सीधा संपर्क और तस्करी नेटवर्क
सहज़ाद कई बार पाकिस्तान जा चुका था। वहां के ISI एजेंट्स के साथ उसका संपर्क था।
वह भारतीय सिम कार्ड्स, मुद्रा और गोपनीय जानकारी ISI तक पहुँचाता था।
इसके अलावा वह पाकिस्तान को कॉस्मेटिक, मसाले, कपड़े जैसे सामानों की क्रॉस-बॉर्डर तस्करी में भी लिप्त था।
भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान भेजने का खुलासा
पूछताछ में सामने आया कि सहज़ाद ने कई लोगों को पाकिस्तान भेजा था।
इन लोगों के लिए वीज़ा सीधे ISI एजेंट्स द्वारा उपलब्ध कराया गया था।
पाकिस्तान पहुँचने के बाद उन्हें आतंकी प्रशिक्षण या खुफिया कामों में शामिल किया गया।
न्यायिक हिरासत में भेजा गया
गिरफ्तारी के बाद सहज़ाद को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
जांच एजेंसियाँ उससे पूछताछ कर रही हैं और संभावित नेटवर्क की जाँच कर रही हैं।
11 लोगों की गिरफ़्तारी: पूरी लिस्ट
ATS और अन्य एजेंसियों की कार्रवाई में अब तक कुल 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं:
- सहज़ाद – रामपुर
- जोती मल्होत्रा – यूट्यूबर
- देवेंद्र सिंह – पूर्व पुलिस अधिकारी
- ताहिर अंसारी – दिल्ली
- फैसल कुरैशी – लखनऊ
- शबाना खातून – कोलकाता
- नासिर खान – राजस्थान
- इमरान शेख – मुंबई
- रज़िया बेगम – भोपाल
- यूसुफ पठान – जम्मू
- समीना परवीन – मेरठ
पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार की सतर्कता
14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकी और जासूसी गतिविधियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है।
सुरक्षा एजेंसियाँ अब सोशल मीडिया, साइबर स्पेस और सीमावर्ती क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।
सोशल मीडिया जासूसी पर बने सख्त कानून की मांग
सरकार को अब सोशल मीडिया के ज़रिए हो रही जासूसी और प्रचार गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़े साइबर कानून बनाने की आवश्यकता है।
यूट्यूबर्स, डिजिटल इंफ्लुएंसर्स और ब्लॉगर्स को बिना प्रमाण किसी विदेशी ताकतों से नहीं जुड़ना चाहिए।
युवाओं को देशभक्ति का संदेश
देश के युवाओं को यह समझना चाहिए कि कुछ पैसों या विदेशी लालच में आकर देश से गद्दारी करना सबसे बड़ा अपराध है।
भारत माता हमें अधिकार और सम्मान देती है — बदले में हमारा कर्तव्य है कि हम उसकी रक्षा करें, न कि धोखा दें।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश एटीएस की इस कार्रवाई ने न केवल एक बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यम का गलत उपयोग देश विरोधी ताकतें कर रही हैं।
अब समय है कि हम सतर्क बनें और हर नागरिक एक जागरूक सिपाही की भूमिका निभाए।