बाकू से आई कहानी, जो सच्चाई से दूर थी
29 मई 2025 को अज़रबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित द्विपक्षीय सम्मेलन के मंच से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने दुनिया को चौंका दिया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ हालिया युद्ध में जीत हासिल कर ली है — उस भारत के खिलाफ जो उससे पाँच गुना बड़ा, आर्थिक रूप से कई गुना शक्तिशाली और वैश्विक सैन्य ताकतों में अग्रणी है।
शरीफ़ ने कहा:
“हमारी सेना ने साहस दिखाया और भारत को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। हमने उनके एक MiG, चार Rafale और एक ड्रोन को मार गिराया।”
उन्होंने इस कथित सफलता का श्रेय सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को दिया और दावा किया कि पाकिस्तान ने सैन्य मोर्चे पर विजय प्राप्त कर ली है।
जयशंकर का करारा जवाब: “हमें खुद सुनना था पाकिस्तान से”
शरीफ़ के इस दावे के ठीक बाद, भारत ने इस कथन को तथ्यों के साथ खारिज किया। यूरोप दौरे पर मौजूद विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जर्मन अख़बार Frankfurter Allgemeine Zeitung से बात करते हुए कहा:
“We made one thing very clear to everybody who spoke to us, not just the United States but to everyone, saying if the Pakistanis want to stop fighting, they need to tell us. We need to hear it from them. Their general has to call up our general and say this. And that is what happened.”
— डॉ. एस. जयशंकर
(अनुवाद: “हमने सभी से स्पष्ट कर दिया था — यदि पाकिस्तान युद्धविराम चाहता है, तो हमें उसके जनरल से सीधे सुनना होगा। और यही हुआ।”)
इस बयान से स्पष्ट हो गया कि युद्धविराम की पहल पाकिस्तान की ओर से की गई थी, न कि भारत की तरफ से, जैसा कि शरीफ़ दावा कर रहे थे।
प्रमाणहीन दावे और अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदगी
पाकिस्तान के सबसे मज़ेदार और झूठे दावों में से एक था कि उन्होंने भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया। शरीफ़ ने बाकू में इसका सार्वजनिक एलान किया, लेकिन:
- न कोई मलबा
- न कोई पायलट का वीडियो
- न रडार डेटा
- और न ही सैटेलाइट इमेज
जब Sky News पर पूछा गया — चुप्पी छा गई
एक ब्रिटिश पत्रकार ने जब Sky News चैनल पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री से पूछा:
“क्या आपके पास कोई सबूत है कि आपने भारत के लड़ाकू विमानों को गिराया?”
तो उनका जवाब: “हम पुष्टि नहीं कर सकते” — और विषय बदल दिया गया।
Al Jazeera पर शर्मनाक मोड़
Al Jazeera इंटरव्यू में वही सवाल दोहराया गया, तब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा:
“I am not able to hear your voice… Can you increase the voice?”
(जबकि वीडियो में स्पष्ट था कि सवाल पूरी तरह से सुना जा सकता था।)
भारत का उत्तर: सबूत के साथ हर स्ट्राइक
इसके विपरीत, भारत ने:
- पूर्व और पश्चातवर्ती सैटेलाइट इमेजेस
- जियो लोकेशन डेटा
- ऑपरेशनल ब्रीफिंग्स
- और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स साझा कीं।
जहाँ भारत ने फैक्ट दिए, वहीं पाकिस्तान फिक्शन में उलझा रहा।
भारत की प्रिसिशन स्ट्राइक: आतंक के ठिकानों पर सीधा वार
भारत ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के प्रमुख अड्डों को निशाना बनाया, जैसे:
- बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय
- मुरिदके – लश्कर-ए-तैयबा का गढ़
- बालाकोट, कोटली और मंसेहरा – ट्रेनिंग और लॉन्च कैंप
यह ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बेहद सफल और वैध माना गया।
भारत का जवाब: पाकिस्तान के नौ सैन्य अड्डों पर प्रहार
भारतीय जवाबी हमले में पाकिस्तान के ये नौ प्रमुख सैन्य बेस तबाह कर दिए गए:
- सरगोधा एयरबेस
- बहावलपुर छावनी
- रावलकोट
- मुझफ्फराबाद
- क्वेटा
- कोटली
- मीरांशाह
- स्कर्दू
- चिलास
इससे पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली और लॉजिस्टिक्स को बड़ा झटका लगा।
युद्ध के बाद पाकिस्तान में बढ़ता आंतरिक संकट
▶ TTP के हमले
TTP ने सुरक्षा बलों पर हमले तेज़ कर दिए हैं, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में।
▶ बलूचिस्तान ने खुद को स्वतंत्र घोषित किया
BLA ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग राष्ट्र घोषित कर दिया है और वहाँ खुले विद्रोह की स्थिति है।
▶ सिंध में जल संकट और ‘सिंधुदेश’ की मांग
‘धेरा चिलास नहर परियोजना’ के चलते सिंध में जल संकट है। वहाँ अब “स्वतंत्र सिंध” की मांग फिर से ज़ोर पकड़ रही है।
निष्कर्ष: स्क्रिप्ट बनाम सच्चाई
शहबाज़ शरीफ़ और जनरल आसिम मुनीर की गढ़ी गई “विजय” की स्क्रिप्ट, अब अंतरराष्ट्रीय हास्य का विषय बन चुकी है।
जहाँ भारत ने जवाबी कार्रवाई की, आतंक के अड्डों को खत्म किया और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाया — वहीं पाकिस्तान भ्रम, झूठ और शब्दों की राजनीति में उलझा रह गया।
“जब शब्दों से युद्ध जीतने की कोशिश की जाती है, और हकीकत से मुँह मोड़ा जाता है — तब राष्ट्रों की साख खत्म होती है।”